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2 राजा 19:26-36 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

26. इसी कारण उनके रहने वालों का बल घट गया; वे विस्मित और लज्जित हुए; वे मैदान के छोटे छोटे पेड़ों और हरी घास और छत पर की घास, और ऐसे अनाज के समान हो गए, जो बढ़ने से पहिले सूख जाता है।

27. मैं तो तेरा बैठा रहना, और कूच करना, और लौट आना जानता हूँ, और यह भी कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता है।

28. इस कारण कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता और तेरे अभिमान की बातें मेरे कानों में पड़ी हैं; मैं तेरी नाक में अपनी नकेल डाल कर और तेरे मुंह में अपना लगाम लगा कर, जिस मार्ग से तू आया है, उसी से तुझे लोटा दूंगा।

29. और तेरे लिये यह चिन्ह होगा, कि इस वर्ष तो तुम उसे खाओगे जो आप से आप उगे, और दूसरे वर्ष उसे जो उत्पन्न हो वह खाओगे; और तीसरे वर्ष बीज बोने और उसे लवने पाओगे, और दाख की बारियां लगाने और उनका फल खाने पाओगे।

30. और यहूदा के घराने के बचे हुए लोग फिर जड़ पकड़ेंगे, और फलेंगे भी।

31. क्योंकि यरूशलेम में से बचे हुए और सिय्योन पर्वत के भागे हुए लोग निकलेंगे। यहोवा यह काम अपनी जलन के कारण करेगा।

32. इसलिये यहोवा अश्शूर के राजा के विषय में यों कहता है कि वह इस नगर में प्रवेश करने, वरन इस पर एक तीर भी मारने न पाएगा, और न वह ढाल ले कर इसके साम्हने आने, वा इसके विरुद्ध दमदमा बनाने पाएगा।

33. जिस मार्ग से वह आया, उसी से वह लौट भी जाएगा, और इस नगर में प्रवेश न करने पाएगा, यहोवा की यही वाणी है।

34. और मैं अपने निमित्त और अपने दास दाऊद के निमित्त इस नगर की रक्षा कर के इसे बचाऊंगा।

35. उसी रात में क्या हुआ, कि यहोवा के दूत ने निकल कर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरुषों को मारा, और भोर को जब लोग सबेरे उठे, तब देखा, कि लोथ ही लोथ पड़ी है।

36. तब अश्शूर का राजा सन्हेरीब चल दिया, और लौट कर नीनवे में रहने लगा।

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