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2 राजा 18:12-20 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

12. इसका कारण यह था, कि उन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा की बात न मानी, वरन उसकी वाचा को तोड़ा, और जितनी आज्ञाएं यहोवा के दास मूसा ने दी थीं, उन को टाल दिया और न उन को सुना और न उनके अनुसार किया।

13. हिजकिय्याह राजा के चौदहवें वर्ष में अश्शूर के राजा सन्हेरीब ने यहूदा के सब गढ़ वाले नगरों पर चढ़ाई कर के उन को ले लिया।

14. तब यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने अश्शूर के राजा के पास लाकीश को कहला भेजा, कि मुझ से अपराध हुआ, मेरे पास से लौट जा; और जो भार तू मुझ पर डालेगा उसको मैं उठाऊंगा। तो अश्शूर के राजा ने यहूदा के राजा हिजकिय्याह के लिये तीन सौ किक्कार चान्दी और तीस किक्कार सोना ठहरा दिया।

15. तब जितनी चान्दी यहोवा के भवन और राजभवन के भणडारों में मिली, उस सब को हिजकिय्याह ने उसे दे दिया।

16. उस समय हिजकिय्याह ने यहोवा के मन्दिर के किवाड़ों से और उन खम्भों से भी जिन पर यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने सोना मढ़ा था, सोने को छीलकर अश्शूर के राजा को दे दिया।

17. तौभी अश्शूर के राजा ने तर्त्तान, रबसारीस और रबशाके को बड़ी सेना देकर, लाकीश से यरूशलेम के पास हिजकिय्याह राजा के विरुद्ध भेज दिया। सो वे यरूशलेम को गए और वहां पहुंच कर ऊपर के पोखरे की नाली के पास धोबियों के खेत की सड़क पर जा कर खड़े हुए।

18. और जब उन्होंने राजा को पुकारा, तब हिलकिय्याह का पुत्र एल्याकीम जो राजघराने के काम पर था, और शेब्ना जो मन्त्री था और आसाप का पुत्र योआह जो इतिहास का लिखनेवाला था, ये तीनों उनके पास बाहर निकल गए।

19. रबशाके ने उन से कहा, हिजकिय्याह से कहो, कि महाराजाधिराज अर्थात अश्शूर का राजा यों कहता है, कि तू किस पर भरोसा करता है?

20. तू जो कहता है, कि मेरे यहां युद्ध के लिये युक्ति और पराक्रम है, सो तो केवल बात ही बात है। तू किस पर भरोसा रखता है कि तू ने मुझ से बलवा किया है?

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