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2 राजा 17:2-19 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

2. उसने वही किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, परन्तु इस्राएल के उन राजाओं के बराबर नहीं जो उस से पहिले थे।

3. उस पर अश्शूर के राजा शल्मनेसेर ने चढ़ाई की, और होशे उसके आधीन हो कर, उसको भेंट देने लगा।

4. परन्तु अश्शूर के राजा ने होशे को राजद्रोह की गोष्ठी करने वाला जान लिया, क्योंकि उसने “सो” नाम मिस्र के राजा के पास दूत भेजे, और अश्शूर के राजा के पास सालियाना भेंट भेजनी छोड़ दी; इस कारण अश्शूर के राजा ने उसको बन्द किया, और बेड़ी डालकर बन्दीगृह में डाल दिया।

5. तब अश्शूर के राजा ने पूरे देश पर चढ़ाई की, और शोमरोन को जा कर तीन वर्ष तक उसे घेरे रहा।

6. होशे के नौवें वर्ष में अश्शूर के राजा ने शोमरोन को ले लिया, और इस्राएल को अश्शूर में ले जा कर, हलह में और गोजान की नदी हाबोर के पास और मादियों के नगरों में बसाया।

7. इसका यह कारण है, कि यद्यपि इस्राएलियों का परमेश्वर यहोवा उन को मिस्र के राजा फ़िरौन के हाथ से छुड़ा कर मिस्र देश से निकाल लाया था, तौभी उन्होंने उसके विरुद्ध पाप किया, और पराये देवताओं का भय माना।

8. और जिन जातियों को यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से देश से निकाला था, उनकी रीति पर, और अपने राजाओं की चलाई हुई रीतियों पर चलते थे।

9. और इस्राएलियों ने कपट कर के अपने परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध अनुचित काम किए, अर्थात पहरुओं के गुम्मट से ले कर गढ़ वाले नगर तक अपनी सारी बस्तियों में ऊंचे स्थान बना लिए;

10. और सब ऊंची पहाडिय़ों पर, और सब हरे वृक्षों के तले लाठें और अशेरा खड़े कर लिए।

11. और ऐसे ऊंचे स्थानों में उन जातियों की नाईं जिन को यहोवा ने उनके साम्हने से निकाल दिया था, धूप जलाया, और यहोवा को क्रोध दिलाने के योग्य बुरे काम किए।

12. और मूरतों की उपासना की, जिसके विषय यहोवा ने उन से कहा था कि तुम यह काम न करना।

13. तौभी यहोवा ने सब भविष्यद्वक्ताओं और सब दशिर्यों के द्वारा इस्राएल और यहूदा को यह कह कर चिताया था, कि अपनी बुरी चाल छोड़ कर उस सारी व्यवस्था के अनुसार जो मैं ने तुम्हारे पुरखाओं को दी थी, और अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के हाथ तुम्हारे पास पहुंचाई है, मेरी आज्ञाओं और विधियों को माना करो।

14. परन्तु उन्होंने न माना, वरन अपने उन पुरखाओं की नाईं, जिन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वास न किया था, वे भी हठीले बन गए।

15. और वे उसकी विधियों और अपने पुरखाओं के साथ उसकी वाचा, और जो चितौनियां उसने उन्हें दी थीं, उन को तुच्छ जान कर, निकम्मी बातों के पीछे हो लिए; जिस से वे आप निकम्मे हो गए, और अपने चारों ओर की उन जातियों के पीछे भी हो लिए जिनके विषय यहोवा ने उन्हें आज्ञा दी थी कि उनके से काम न करना।

16. वरन उन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाओं को त्याग दिया, और दो बछड़ों की मूरतें ढाल कर बनाईं, और अशेरा भी बनाईं; और आकाश के सारे गणों को दण्डवत की, और बाल की उपासना की।

17. और अपने बेटे-बेटियों को आग में होम कर के चढाया; और भावी कहने वालों से पूछने, और टोना करने लगे; और जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था जिस से वह क्रोधित भी होता है, उसके करने को अपनी इच्छा से बिक गए।

18. इस कारण यहोवा इस्राएल से अति क्रोधित हुआ, और उन्हें अपने साम्हने से दूर कर दिया; यहूदा का गोत्र छोड़ और कोई बचा न रहा।

19. यहूदा ने भी अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएं न मानीं, वरन जो विधियां इस्राएल ने चलाई थीं, उन पर चलने लगे।

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