और चोखे सोने की कैंचियां, कटोरे, धूपदान और करछे बनवाए। फिर भवन के द्वार और परम पवित्र स्थान के भीतरी किवाड़ और भवन अर्थात मन्दिर के किवाड़ सोने के बने।