1. फिर उसने पीतल की एक वेदी बनाई, उसकी लम्बाई और चौड़ाई बीस बीस हाथ की और ऊंचाई दस हाथ की थी।
2. फिर उसने एक ढाला हुआ हौद बनवाया; जो छोर से छोर तक दस हाथ तक चौड़ा था, उसका आकार गोल था, और उसकी ऊंचाई पांच हाथ की थी, और उसके चारों ओर का घेर तीस हाथ के नाप का था।
3. और उसके तले, उसके चारों ओर, एक एक हाथ में दस दस बैलों की प्रतिमाएं बनी थीं, जो हौद को घेरे थीं; जब वह ढाला गया, तब ये बैल भी दो पांति कर के ढाले गए।
4. और वह बारह बने हुए बैलों पर धरा गया, जिन में से तीन उत्तर, तीन पश्चिम, तीन दक्खिन और तीन पूर्व की ओर मुंह किए हुए थे; और इनके ऊपर हौद घरा था, और उन सभों के पिछले अंग भीतरी भाग में पड़ते थे।