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2 इतिहास 31:1-15 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. जब यह सब हो चुका, तब जितने इस्राएली अपस्थित थे, उन सभों ने यहूदा के नगरों में जा कर, सारे यहूदा और बिन्यामीन और एप्रेम और मनश्शे में कि लाठों को तोड़ दिया, अशेरों को काट डाला, और ऊंचे स्थानों और वेदियों को गिरा दिया; और उन्होंने उन सब का अन्त कर दिया। तब सब इस्राएली अपने अपने नगर को लौट कर, अपनी अपनी निज भूमि में पहुंचे।

2. और हिजकिय्याह ने याजकों के दलों को और लेवियों को वरन याजकों और लेवियों दोनों को, प्रति दल के अनुसार और एक एक मनुष्य को उसकी सेवकाई के अनुसार इसलिये ठहरा दिया, कि वे यहोवा की छावनी के द्वारों के भीतर होमबलि, मेलबलि, सेवा टहल, धन्यवाद और स्तुति किया करें।

3. फिर उसने अपनी सम्पत्ति में से राजभाषा को होमबलियों के लिये ठहरा दिया; अर्थात सवेरे और सांझ की होमबलि और विश्राम और नये चांद के दिनों और नियत समयों की होमबलि के लिये जैसा कि यहोवा की व्यवस्था में लिखा है।

4. और उसने यरूशलेम में रहने वालों को याजकों और लेवियों को उनका भाग देने की आज्ञा दी, ताकि वे यहोवा की व्यवस्था के काम मन लगा कर कर सकें।

5. यह आज्ञा सुनते ही इस्राएली अन्न, नया दाखमधु, टटका तेल, मधु आादि खेती की सब भांति की पहिली उपज बहुतायत से देने, और सब वस्तुओं का दशमांश अधिक मात्रा में लाने लगे।

6. और जो इस्राएली और यहूदी, यहूदा के नगरों में रहते थे, वे भी बैलों और भेड़-बकरियों का दशमांश, और उन पवित्र वस्तुओं का दशमांश, जो उनके परमेश्वर यहोवा के निमित्त पवित्र की गई थीं, लाकर ढेर ढेर कर के रखने लगे।

7. इस प्रकार ढेर का लगाना उन्होंने तीसरे महीने में आरम्भ किया और सातवें महीने में पूरा किया।

8. जब हिजकिय्याह और हाकिमों ने आ कर उन ढेरों को देखा, तब यहोवा को और उसकी प्रजा इस्राएल को धन्य धन्य कहा।

9. तब हिजकिय्याह ने याजकों और लेवियों से उन ढेरों के विषय पूछा।

10. और अजर्याह महायाजक ने जो सादोक के घराने का था, उस से कहा, जब से लोग यहोवा के भवन में उठाई हुई भेंटें लाने लगे हैं, तब से हम लोग पेट भर खाने को पाते हैं, वरन बहुत बचा भी करता है; क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को आशीष दी है, और जो शेष रह गया है, उसी का यह बड़ा ढेर है।

11. तब हिजकिय्याह ने यहोवा के भवन में कोठरियां तैयार करने की आज्ञा दी, और वे तैयार की गई।

12. तब लोगों ने उठाई हुई भेंटें, दशमांश और पवित्र की हुई वस्तुएं, सच्चाई से पहुंचाई और उनके मुख्य अधिकारी तो कोनन्याह नाम एक लेवीय और दूसरा उसका भाई शिमी नायब था।

13. और कोनन्याह और उसके भाई शिमी के नीचे, हिजकिय्याह राजा और परमेश्वर के भवन के प्रधान अजर्याह दोनों की आज्ञा से अहीएल, अजज्याह, नहत, असाहेल, यरीमेत, योजाबाद, एलीएल, यिस्मक्याह, महत और बनायाह अधिकारी थे।

14. और परमेश्वर के लिये स्वेच्छाबलियों का अधिकारी यिम्ना लेवीय का पुत्र कोरे था, जो पूर्व फाटक का द्वारापाल था, कि वह यहोवा की उठाई हुई भेंटें, और परमपवित्र वस्तुएं बांटा करे।

15. और उसके अधिकार में एदेन, मिन्यामीन, येशू, शमायाह, अमर्याह और शकन्याह याजकों के नगरों में रहते थे, कि वे क्या बड़े, क्या छोटे, अपने भाइयों को उनके दलों के अनुसार सच्चाई से दिया करें,

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