उसने इन ख्म्भों को मन्दिर के साम्हने, एक तो उसकी दाहिनी ओर और दूसरा बाईं ओर खड़ा कराया; और दाहिने खम्भे का नाम याकीन और बायें खम्भे का नाम बोअज़ रखा।