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2 इतिहास 28:1-13 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. जब आहाज राज्य करने लगा तब वह बीस वर्ष का था, और सोलह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और अपने मूलपुरुष दाऊद के समान काम नहीं किया, जो यहोवा की दृष्टि में ठीक था,

2. परन्तु वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, और बाल देवताओं की मूतिर्यां ढलवा कर बनाईं;

3. और हिन्नोम के बेटे की तराई में धूप जलाया, और उन जातियों के घिनौने कामों के अनुसार जिन्हें यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से देश से निकाल दिया था, अपने लड़केबालों को आग में होम कर दिया।

4. और ऊंचे स्थानों पर, और पहाडिय़ों पर, और सब हरे वृक्षों के तले वह बलि चढ़ाया और धूप जलाया करता था।

5. इसलिये उसके परमेश्वर यहोवा ने उसको अरामियों के राजा के हाथ कर दिया, और वे उसको जीत कर, उसके बहुत से लोगों को बन्धुआ बना के दमिश्क को ले गए। और वह इस्राएल के राजा के वश में कर दिया गया, जिसने उसे बड़ी मार से मारा।

6. और रमल्याह के पुत्र पेकह ने, यहूदा में एक ही दिन में एक लाख बीस हजार लोगों को जो सब के सब वीर थे, घात किया, क्योंकि उन्होंने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को त्याग दिया था।

7. और जिक्री नामक एक एप्रैमी वीर ने मासेयाह नामक एक राजपुत्र को, और राजभवन के प्रधान अज्रीकाम को, और एलकाना को, जो राजा का मंत्री था, मार डाला।

8. और इस्राएली अपने भाइयों में से स्त्रियों, बेटों और बेटियों को मिला कर दो लाख लोगों को बन्धुआ बना के, और उनकी बहुत लूट भी छीन कर शोमरोन की ओर ले चले।

9. परन्तु वहां ओदेद नामक यहोवा का एक नबी था; वह शोमरोन को आने वाली सेना से मिल कर उन से कहने लगा, सुनो, तुम्हारे पितरों के परमेश्वर यहोवा ने यहूदियों पर झुंझला कर उन को तुम्हारे हाथ कर दिया है, और तुम ने उन को ऐसा क्रोध कर के घात किया जिसकी चिल्लाहट स्वर्ग को पहुंच गई है।

10. और अब तुम ने ठाना है कि यहूदियों और यरूशलेमियों को अपने दास-दासी बना कर दबाए रखो। क्या तुम भी अपने परमेश्वर यहोवा के यहां दाषी नहीं हो?

11. इसलिये अब मेरी सुनो और इन बन्धुओं को जिन्हें तुम अपने भाइयों में से बन्धुआ बना के ले आए हो, लौटा दो, यहोवा का क्रोध तो तुम पर भड़का है।

12. तब एप्रैमियों के कितने मुख्य पुरुष अर्थात योहानान का पुत्र अजर्याह, मशिल्लेमोत का पुत्र बेरेक्याह, शल्लूम का पुत्र यहिजकिय्याह, और हदलै का पुत्र अमासा, लड़ाई से आने वालों का साम्हना कर के, उन से कहने लगे।

13. तुम इन बन्धुओं को यहां मत लाओ; क्योंकि तुम ने वह बात ठानी है जिसके कारण हम यहोवा के यहां दोषी हो जाएंगे, और उस से हमारा पाप और दोष बढ़ जाएगा, हमारा दोष तो बड़ा है और इस्राएल पर बहुत क्रोध भड़का है।

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