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1 शमूएल 30:1-15 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. तीसरे दिन जब दाऊद अपने जनों समेत सिकलग पहुंचा, तब उन्होंने क्या देखा, कि अमालेकियों ने दक्खिन देश और सिकलग पर चढ़ाई की। और सिकलग को मार के फूंक दिया,

2. और उस में की स्त्री आदि छोटे बड़े जितने थे, सब को बन्धुआई में ले गए; उन्होंने किसी को मार तो नहीं डाला, परन्तु सभों को ले कर अपना मार्ग लिया।

3. इसलिये जब दाऊद अपने जनों समेत उस नगर में पहुंचा, तब नगर तो जला पड़ा था, और स्त्रियां और बेटे-बेटियां बन्धुआई में चली गई थीं।

4. तब दाऊद और वे लोग जो उसके साथ थे चिल्लाकर इतना रोए, कि फिर उन में रोने की शक्ति न रही।

5. और दाऊद की दो स्त्रियां, यिज्रेली अहीनोअम, और कर्मैली नाबाल की स्त्री अबीगैल, बन्धुआई में गई थीं।

6. और दाऊद बड़े संकट में पड़ा; क्योंकि लोग अपने बेटे-बेटियों के कारण बहुत शोकित हो कर उस पर पत्थरवाह करने की चर्चा कर रहे थे। परन्तु दाऊद ने अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण करके हियाव बान्धा॥

7. तब दाऊद ने अहीमेलेक के पुत्र एब्यातार याजक से कहा, एपोद को मेरे पास ला। तब एब्यातार एपोद को दाऊद के पास ले आया।

8. और दाऊद ने यहोवा से पूछा, क्या मैं इस दल का पीछा करूं? क्या उसको जा पकडूंगा? उसने उस से कहा, पीछा कर; क्योंकि तू निश्चय उसको पकड़ेगा, और निसन्देह सब कुछ छुड़ा लाएगा;

9. तब दाऊद अपने छ: सौ साथी जनों को ले कर बसोर नाम नाले तक पहुंचा; वहां कुछ लोग छोड़े जा कर रह गए।

10. दाऊद तो चार सौ पुरूषों समेत पीछा किए चला गया; परन्तु दौ सौ जो ऐसे थक गए थे, कि बसोर नाले के पार न जा सके वहीं रहे।

11. उन को एक मिस्री पुरूष मैदान में मिला, उन्होंने उसे दाऊद के पास ले जा कर रोटी दी; और उसने उसे खाया, तब उसे पानी पिलाया,

12. फिर उन्होंने उसको अंजीर की टिकिया का एक टुकड़ा और दो गुच्छे किशमिश दिए। और जब उसने खाया, तब उसके जी में जी आया; उसने तीन दिन और तीन रात से न तो रोटी खाई थी और न पानी पिया था।

13. तब दाऊद ने उस से पूछा, तू किस का जन है? और कहां का है? उसने कहा, मैं तो मिस्री जवान और एक अमालेकी मनुष्य का दास हूँ; और तीन दिन हुए कि मैं बीमार पड़ा, और मेरा स्वामी मुझे छोड़ गया।

14. हम लोगों ने करेतियों की दक्खिन दिशा में, और यहूदा के देश में, और कालेब की दक्खिन दिशा में चढाई की; और सिकलग को आग लगाकर फूंक दिया था।

15. दाऊद ने उस से पूछा, क्या तू मुझे उस दल के पास पहुंचा देगा? उसने कहा, मुझ से परमेश्वर की यह शपथ खा, कि मैं तुझे न तो प्राण से मारूंगा, और न तेरे स्वामी के हाथ कर दूंगा, तब मैं तुझे उस दल के पास पहुंचा दूंगा।

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