27. तब लोगों ने उस से वही बातें कहीं, अर्थात यह, कि जो कोई उसे मारेगा उस से ऐसा ऐसा किया जाएगा।
28. जब दाऊद उन मनुष्यों से बातें कर रहा था, तब उसका बड़ा भाई एलीआब सुन रहा था; और एलीआब दाऊद से बहुत क्रोधित हो कर कहने लगा, तू यहां क्या आया है? और जंगल में उन थोड़ी सी भेड़ बकरियों को तू किस के पास छोड़ आया है? तेरा अभिमान और तेरे मन की बुराई मुझे मालूम है; तू तो लड़ाई देखने के लिये यहां आया है।
29. दाऊद ने कहा, मैं ने अब क्या किया है, वह तो निरी बात थी?