पुराना विधान

नया विधान

1 शमूएल 15:20-27 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

20. शाऊल ने शमूएल से कहा, नि:सन्देह मैं ने यहोवा की बात मानकर जिधर यहोवा ने मुझे भेजा उधर चला, और अमालेकियों को सत्यानाश किया है।

21. परन्तु प्रजा के लोग लूट में से भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, अर्थात सत्यानाश होने की उत्तम उत्तम वस्तुओं को गिलगाल में तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये बलि चढ़ाने को ले आए हैं।

22. शमूएल ने कहा, क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन मानना तो बलि चढ़ाने और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है।

23. देख बलवा करना और भावी कहने वालों से पूछना एक ही समान पाप है, और हठ करना मूरतों और गृहदेवताओं की पूजा के तुल्य है। तू ने जो यहोवा की बात को तुच्छ जाना, इसलिये उसने तुझे राजा होने के लिये तुच्छ जाना है।

24. शाऊल ने शमूएल से कहा, मैं ने पाप किया है; मैं ने तो अपनी प्रजा के लोगों का भय मानकर और उनकी बात सुनकर यहोवा की आज्ञा और तेरी बातों का उल्लंघन किया है।

25. परन्तु अब मेरे पाप को क्षमा कर, और मेरे साथ लौट आ, कि मैं यहोवा को दण्डवत करूं।

26. शमूएल ने शाऊल से कहा, मैं तेरे साथ न लौटूंगा; क्योंकि तू ने यहोवा की बात को तुच्छ जाना है, और यहोवा ने तुझे इस्राएल का राजा होने के लिये तुच्छ जाना है।

27. तब शमूएल जाने के लिये घूमा, और शाऊल ने उसके बागे की छोर को पकड़ा, और वह फट गया।

पूरा अध्याय पढ़ें 1 शमूएल 15