सब से नीचे वाली मंजिल की चौड़ाई पांच हाथ, और बीच वाली की छ: हाथ, और ऊपर वाली की सात हाथ की थी, क्योंकि उसने भवन के आसपास भीत को बाहर की ओर कुसींदार बनाया था इसलिये कि कडिय़ां भवन की भीतों को पकड़े हुए न हों।