पुराना विधान

नया विधान

1 राजा 17:6-17 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

6. और सवेरे और सांझ को कौवे उसके पास रोटी और मांस लाया करते थे और वह नाले का पानी पिया करता था।

7. कुछ दिनों के बाद उस देश में वर्षा न होने के कारण नाला सूख गया।

8. तब यहोवा का यह वचन उसके पास पहुंचा,

9. कि चलकर सीदोन के सारपत नगर में जा कर वहीं रह: सुन, मैं ने वहां की एक विधवा को तेरे खिलाने की आज्ञा दी है।

10. सो वह वहां से चल दिया, और सारपत को गया; नगर के फाटक के पास पहुंच कर उसने क्या देखा कि, एक विधवा लकड़ी बीन रही है, उसको बुलाकर उसने कहा, किसी पात्र में मेरे पीने को थोड़ा पानी ले आ।

11. जब वह लेने जा रही थी, तो उसने उसे पुकार के कहा अपने हाथ में एक टुकड़ा रोटी भी मेरे पास लेती आ।

12. उसने कहा, तेरे परमेश्वर यहोवा के जीवन की शपथ मेरे पास एक भी रोटी नहीं है केवल घड़े में मुट्ठी भर मैदा और कुप्पी में थोड़ा सा तेल है, और मैं दो एक लकड़ी बीनकर लिए जाती हूँ कि अपने और अपने बेटे के लिये उसे पकाऊं, और हम उसे खाएं, फिर मर जाएं।

13. एलिय्याह ने उस से कहा, मत डर; जा कर अपनी बात के अनुसार कर, परन्तु पहिले मेरे लिये एक छोटी सी रोटी बना कर मेरे पास ले आ, फिर इसके बाद अपने और अपने बेटे के लिये बनाना।

14. क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि जब तक यहोवा भूमि पर मेंह न बरसाएगा तब तक न तो उस घड़े का मैदा चुकेगा, और न उस कुप्पी का तेल घटेगा।

15. तब वह चली गई, और एलिय्याह के वचन के अनुसार किया, तब से वह और स्त्री और उसका घराना बहुत दिन तक खाते रहे।

16. यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने एलिय्याह के द्वारा कहा था, न तो उस घड़े का मैदा चुका, और न उस कुप्पी का तेल घट गया।

17. इन बातों के बाद उस स्त्री का बेटा जो घर की स्वामिनी थी, रोगी हुआ, और उसका रोग यहां तक बढ़ा कि उसका सांस लेना बन्द हो गया।

पूरा अध्याय पढ़ें 1 राजा 17