24. राजा दाऊद ने ओर्नान से कहा, सो नहीं, मैं अवश्य इसका पूरा दाम ही देकर इसे मोल लूंगा; जो तेरा है, उसे मैं यहोवा के लिये नहीं लूंगा, और न सेंतमेंत का होमबलि चढ़ाऊंगा।
25. तब दाऊद ने उस स्थान के लिये ओर्नान को छ: सौ शेकेल सोना तौल कर दिया।
26. तब दाऊद ने वहां यहोवा की एक वेदी बनाईं और होमबलि और मेलबलि चढ़ा कर यहोवा से प्रार्थना की, और उसने होमबलि की वेदी पर स्वर्ग से आग गिरा कर उसकी सुन ली।
27. तब यहोवा ने दूत को आज्ञा दी; और उसने अपनी तलवार फिर म्यान में कर ली।
28. यह देख कर कि यहोवा ने यबूसी ओर्नान के खलिहान में मेरी सुन ली है, दाऊद ने उसी समय वहां बलिदान किया।
29. यहोवा का निवास जो मूसा ने जंगल में बनाया था, और होमबलि की वेदी, थे दोनों उस समय गिबोन के ऊंचे स्थान पर थे।
30. परन्तु दाऊद परमेश्वर के पास उसके साम्हने न जा सका, क्योंकि वह यहोवा के दूत की तलवार से डर गया था।