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1 इतिहास 21:13-30 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. दाऊद ने गाद से कहा, मैं बड़े संकट में पड़ा हूँ; मैं यहोवा के हाथ में पड़ूं, क्योंकि उसकी दया बहुत बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मुझे पड़ना न पड़े।

14. तब यहोवा ने इस्राएल में मरी फैलाई, और इस्राएल में सत्तर हजार पुरुष मर मिटे।

15. फिर परमेश्वर ने एक दूत यरूशलेम को भी उसे नाश करने को भेजा; और वह नाश करने ही पर था, कि यहोवा दु:ख देने से खेदित हुआ, और नाश करने वाले दूत से कहा, बस कर; अब अपना हाथ खींच ले। और यहोवा का दूत यबूसी ओर्नान के खलिहान के पास खड़ा था।

16. और दाऊद ने आंखें उठा कर देखा, कि यहोवा का दूत हाथ में खींची हुई और यरूशलेम के ऊपर बढ़ाई हुई एक तलवार लिये हुए आकाश के बीच खड़ा है, तब दाऊद और पुरनिये टाट पहिने हुए मुंह के बल गिरे।

17. तब दाऊद ने परमेश्वर से कहा, जिसने प्रजा की गिनती लेने की आज्ञा दी थी, वह क्या मैं नहीं हूँ? हां, जिसने पाप किया और बहुत बुराई की है, वह तो मैं ही हूँ। परन्तु इन भेड़-बकरियों ने क्या किया है? इसलिये हे मेरे परमेश्वर यहोवा! तेरा हाथ मेरे पिता के घराने के विरुद्ध हो, परन्तु तेरी प्रजा के विरुद्ध न हो, कि वे मारे जाएं।

18. तब यहोवा के दूत ने गाद को दाऊद से यह कहने की आज्ञा दी, कि दाऊद चढ़ कर यबूसी ओर्नान के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनाए।

19. गाद के इस वचन के अनुसार जो उसने यहोवा के नाम से कहा था, दाऊद चढ़ गया।

20. तब ओर्नान ने पीछे फिर के दूत को देखा, और उसके चारों बेटे जो उसके संग थे छिप गए, ओर्नान तो गेहूं दांवता था।

21. जब दाऊद ओर्नान के पास आया, तब ओर्नान ने दृष्टि कर के दाऊद को देखा और खलिहान से बाहर जा कर भूमि तक झुक कर दाऊद को दण्डवत किया।

22. तब दाऊद ने ओर्नान से कहा, उस खलिहान का स्थान मुझे दे दे, कि मैं उस पर यहोवा को एक वेदी बनाऊं, उसका पूरा दाम ले कर उसे मुझ को दे, कि यह विपित्त प्रजा पर से दूर की जाए।

23. ओर्नान ने दाऊद से कहा, इसे ले ले, और मेरे प्रभु राजा को जो कुछ भाए वह वही करे; सुन, मैं तुझे होमबलि के लिये बैल और ईधन के लिये दांवने के हथियार और अन्नबलि के लिये गेहूं, यह सब मैं देता हूँ।

24. राजा दाऊद ने ओर्नान से कहा, सो नहीं, मैं अवश्य इसका पूरा दाम ही देकर इसे मोल लूंगा; जो तेरा है, उसे मैं यहोवा के लिये नहीं लूंगा, और न सेंतमेंत का होमबलि चढ़ाऊंगा।

25. तब दाऊद ने उस स्थान के लिये ओर्नान को छ: सौ शेकेल सोना तौल कर दिया।

26. तब दाऊद ने वहां यहोवा की एक वेदी बनाईं और होमबलि और मेलबलि चढ़ा कर यहोवा से प्रार्थना की, और उसने होमबलि की वेदी पर स्वर्ग से आग गिरा कर उसकी सुन ली।

27. तब यहोवा ने दूत को आज्ञा दी; और उसने अपनी तलवार फिर म्यान में कर ली।

28. यह देख कर कि यहोवा ने यबूसी ओर्नान के खलिहान में मेरी सुन ली है, दाऊद ने उसी समय वहां बलिदान किया।

29. यहोवा का निवास जो मूसा ने जंगल में बनाया था, और होमबलि की वेदी, थे दोनों उस समय गिबोन के ऊंचे स्थान पर थे।

30. परन्तु दाऊद परमेश्वर के पास उसके साम्हने न जा सका, क्योंकि वह यहोवा के दूत की तलवार से डर गया था।

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