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1 इतिहास 17:14-22 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

14. वरन मैं उसको अपने घर और अपने राज्य में सदैव स्थिर रखूंगा और उसकी राजगद्दी सदैव अटल रहेगी।

15. इन सब बातों और इस दर्शन के अनुसार नातान ने दाऊद को समझा दिया।

16. तब दाऊद राजा भीतर जा कर यहोवा के सम्मुख बैठा, और कहने लगा, हे यहोवा परमेश्वर! मैं क्या हूँ? और मेरा घराना क्या है? कि तू ने मुझे यहां तक पहुंचाया है?

17. और हे परमेश्वर! यह तेरी दृष्टि में छोटी सी बात हुई, क्योंकि तू ने अपने दास के घराने के विषय भविष्य के बहुत दिनों तक की चर्चा की है, और हे यहोवा परमेश्वर! तू ने मुझे ऊंचे पद का मनुष्य सा जाना है।

18. जो महिमा तेरे दास पर दिखाई गई है, उसके विषय दाऊद तुझ से और क्या कह सकता है? तू तो अपने दास को जानता है।

19. हे यहोवा! तू ने अपने दास के निमित्त और अपने मन के अनुसार यह बड़ा काम किया है, कि तेरा दास उसको जान ले।

20. हे यहोवा! जो कुछ हम ने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार तेरे तुल्य कोई नहीं, और न तुझे छोड़ और कोई परमेश्वर है।

21. फिर तेरी प्रजा इस्राएल के भी तुल्य कौन है? वह तो पृथ्वी भर में एक ही जाति है, उसे परमेश्वर ने जा कर अपनी निज प्रजा करने को छुड़ाया, इसलिये कि तू बड़े और डरावने काम कर के अपना नाम करे, और अपनी प्रजा के साम्हने से जो तू ने मिस्र से छुड़ा ली थी, जाति जाति के लोगों को निकाल दे।

22. क्योंकि तू ने अपनी प्रजा इस्राएल को अपनी सदा की प्रजा होने के लिये ठहराया, और हे यहोवा! तू आप उसका परमेश्वर ठहरा।

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