तब सब शूरवीर चले और शाऊल और उसके पुत्रों की लोथें उठा कर याबेश में ले आए, और उनकी हड्डियों को याबेश में एक बांज वृक्ष के तले गाड़ दिया और सात दिन तक अनशन किया।