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लूका 6:3-13 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

3. यीशु ने उन का उत्तर दिया; क्या तुम ने यह नहीं पढ़ा, कि दाऊद ने जब वह और उसके साथी भूखे थे तो क्या किया?

4. वह क्योंकर परमेश्वर के घर में गया, और भेंट की रोटियां लेकर खाईं, जिन्हें खाना याजकों को छोड़ और किसी को उचित नहीं, और अपने साथियों को भी दीं?

5. और उस ने उन से कहा; मनुष्य का पुत्र सब्त के दिन का भी प्रभु है।

6. और ऐसा हुआ कि किसी और सब्त के दिन को वह आराधनालय में जाकर उपदेश करने लगा; और वहां एक मनुष्य था, जिस का दाहिना हाथ सूखा था।

7. शास्त्री और फरीसी उस पर दोष लगाने का अवसर पाने के लिये उस की ताक में थे, कि देखें कि वह सब्त के दिन चंगा करता है कि नहीं।

8. परन्तु वह उन के विचार जानता था; इसलिये उसने सूखे हाथ वाले मनुष्य से कहा; उठ, बीच में खड़ा हो: वह उठ खड़ा हुआ।

9. यीशु ने उन से कहा; मैं तुम से यह पूछता हूं कि सब्त के दिन क्या उचित है, भला करना या बुरा करना; प्राण को बचाना या नाश करना?

10. और उस ने चारों ओर उन सभों को देखकर उस मनुष्य से कहा; अपना हाथ बढ़ा: उस ने ऐसा ही किया, और उसका हाथ फिर चंगा हो गया।

11. परन्तु वे आपे से बाहर होकर आपस में विवाद करने लगे कि हम यीशु के साथ क्या करें?

12. और उन दिनों में वह पहाड़ पर प्रार्थना करने को निकला, और परमेश्वर से प्रार्थना करने में सारी रात बिताई।

13. जब दिन हुआ, तो उस ने अपने चेलों को बुलाकर उन में से बारह चुन लिए, और उन को प्रेरित कहा।

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