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लूका 23:44-53 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

44. और लगभग दो पहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अन्धियारा छाया रहा।

45. और सूर्य का उजियाला जाता रहा, और मन्दिर का परदा बीच में फट गया।

46. और यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा; हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं: और यह कहकर प्राण छोड़ दिए।

47. सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देखकर, परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा; निश्चय यह मनुष्य धर्मी था।

48. और भीड़ जो यह देखने को इकट्ठी हुई भी, इस घटना को, देखकर छाती- पीटती हुई लौट गई।

49. और उसके सब जान पहचान, और जो स्त्रियां गलील से उसके साथ आई थीं, दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थीं॥

50. और देखो यूसुफ नाम एक मन्त्री जो सज्जन और धर्मी पुरूष था।

51. और उन के विचार और उन के इस काम से प्रसन्न न था; और वह यहूदियों के नगर अरिमतीया का रहनेवाला और परमेश्वर के राज्य की बाट जोहनेवाला था।

52. उस ने पीलातुस के पास जाकर यीशु की लोथ मांग ली।

53. और उसे उतारकर चादर में लपेटा, और एक कब्र में रखा, जो चट्टान में खोदी हुई थी; और उस में कोई कभी न रखा गया था।

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