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लूका 19:2-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

2. और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था।

3. वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था।

4. तब उस को देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था।

5. जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है।

6. वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया।

7. यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है।

8. ज़क्कई ने खड़े होकर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय करके ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं।

9. तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है।

10. क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है॥

11. जब वे ये बातें सुन रहे थे, तो उस ने एक दृष्टान्त कहा, इसलिये कि वह यरूशलेम के निकट था, और वे समझते थे, कि परमेश्वर का राज्य अभी प्रगट हुआ चाहता है।

12. सो उस ने कहा, एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर फिर आए।

13. और उस ने अपने दासों में से दस को बुलाकर उन्हें दस मुहरें दीं, और उन से कहा, मेरे लौट आने तक लेन-देन करना।

14. परन्तु उसके नगर के रहने वाले उस से बैर रखते थे, और उसके पीछे दूतों के द्वारा कहला भेजा, कि हम नहीं चाहते, कि यह हम पर राज्य करे।

15. जब वह राजपद पाकर लौट आया, तो ऐसा हुआ कि उस ने अपने दासों को जिन्हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्होंने लेन-देन से क्या क्या कमाया।

16. तब पहिले ने आकर कहा, हे स्वामी तेरे मोहर से दस और मोहरें कमाई हैं।

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