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लूका 11:6-18 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

6. क्योंकि एक यात्री मित्र मेरे पास आया है, और उसके आगे रखने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है।

7. और वह भीतर से उत्तर दे, कि मुझे दुख न दे; अब तो द्वार बन्द है, और मेरे बालक मेरे पास बिछौने पर हैं, इसलिये मैं उठकर तुझे दे नहीं सकता

8. मैं तुम से कहता हूं, यदि उसका मित्र होने पर भी उसे उठकर न दे, तौभी उसके लज्ज़ा छोड़कर मांगने के कारण उसे जितनी आवश्यकता हो उतनी उठकर देगा।

9. और मैं तुम से कहता हूं; कि मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ों तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।

10. क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है; और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।

11. तुम में से ऐसा कौन पिता होगा, कि जब उसका पुत्र रोटी मांगे, तो उसे पत्थर दे: या मछली मांगे, तो मछली के बदले उसे सांप दे?

12. या अण्डा मांगे तो उसे बिच्छू दे?

13. सो जब तुम बुरे होकर अपने लड़के-बालों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता अपने मांगने वालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा॥

14. फिर उस ने एक गूंगी दुष्टात्मा को निकाला: जब दुष्टात्मा निकल गई, तो गूंगा बोलने लगा; और लोगों ने अचम्भा किया।

15. परन्तु उन में से कितनों ने कहा, यह तो शैतान नाम दुष्टात्माओं के प्रधान की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता है।

16. औरों ने उस की परीक्षा करने के लिये उस से आकाश का एक चिन्ह मांगा।

17. परन्तु उस ने, उन के मन की बातें जानकर, उन से कहा; जिस जिस राज्य में फूट होती है, वह राज्य उजड़ जाता है: और जिस घर में फूट होती है, वह नाश हो जाता है।

18. और यदि शैतान अपना ही विरोधी हो जाए, तो उसका राज्य क्योंकर बना रहेगा? क्योंकि तुम मेरे विषय में तो कहते हो, कि यह शैतान की सहायता से दुष्टात्मा निकालता है।

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