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रोमियो 8:30-39 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

30. फिर जिन्हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है॥

31. सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?

32. जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?

33. परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।

34. फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।

35. कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?

36. जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं।

37. परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।

38. क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई,

39. न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी॥

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