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रोमियो 2:18-22 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

18. और उस की इच्छा जानता और व्यवस्था की शिक्षा पाकर उत्तम उत्तम बातों को प्रिय जानता है।

19. और अपने पर भरोसा रखता है, कि मैं अन्धों का अगुवा, और अन्धकार में पड़े हुओं की ज्योति।

20. और बुद्धिहीनों का सिखाने वाला, और बालकों का उपदेशक हूं, और ज्ञान, और सत्य का नमूना, जो व्यवस्था में है, मुझे मिला है।

21. सो क्या तू जो औरों को सिखाता है, अपने आप को नहीं सिखाता? क्या तू जो चोरी न करने का उपदेश देता है, आप ही चोरी करता है?

22. तू जो कहता है, व्यभिचार न करना, क्या आप ही व्यभिचार करता है? तू जो मूरतों से घृणा करता है, क्या आप ही मन्दिरों को लूटता है।

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