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यूहन्ना 9:1-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. फिर जाते हुए उस ने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म का अन्धा था।

2. और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?

3. यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों।

4. जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता।

5. जब तक मैं जगत में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं।

6. यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर।

7. उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया।

8. तब पड़ोसी और जिन्हों ने पहले उसे भीख मांगते देखा था, कहने लगे; क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख मांगा करता था?

9. कितनों ने कहा, यह वही है: औरों ने कहा, नहीं; परन्तु उसके समान है: उस ने कहा, मैं वही हूं।

10. तब वे उस से पूछने लगे, तेरी आंखें क्योंकर खुल गईं?

11. उस ने उत्तर दिया, कि यीशु नाम एक व्यक्ति ने मिट्टी सानी, और मेरी आंखों पर लगाकर मुझ से कहा, कि शीलोह में जाकर धो ले; सो मैं गया, और धोकर देखने लगा।

12. उन्होंने उस से पूछा; वह कहां है? उस ने कहा; मैं नहीं जानता॥

13. लोग उसे जो पहिले अन्धा था फरीसियों के पास ले गए।

14. जिस दिन यीशु ने मिट्टी सानकर उस की आंखे खोलीं थी वह सब्त का दिन था।

15. फिर फरीसियों ने भी उस से पूछा; तेरी आंखें किस रीति से खुल गईं? उस न उन से कहा; उस ने मेरी आंखो पर मिट्टी लगाई, फिर मैं ने धो लिया, और अब देखता हूं।

16. इस पर कई फरीसी कहने लगे; यह मनुष्य परमेश्वर की ओर से नहीं, क्योंकि वह सब्त का दिन नहीं मानता। औरों ने कहा, पापी मनुष्य क्योंकर ऐसे चिन्ह दिखा सकता है? सो उन में फूट पड़ी।

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