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यूहन्ना 3:3-23 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

3. यीशु ने उस को उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।

4. नीकुदेमुस ने उस से कहा, मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दुसरी बार प्रवेश करके जन्म ले सकता है?

5. यीशु ने उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं; जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।

6. क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है।

7. अचम्भा न कर, कि मैं ने तुझ से कहा; कि तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है।

8. हवा जिधर चाहती है उधर चलती है, और तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता, कि वह कहां से आती और किधर को जाती है? जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।

9. नीकुदेमुस ने उस को उत्तर दिया; कि ये बातें क्योंकर हो सकती हैं?

10. यह सुनकर यीशु ने उस से कहा; तू इस्त्राएलियों का गुरू हो कर भी क्या इन बातों को नहीं समझता?

11. मैं तुझ से सच सच कहता हूं कि हम जो जानते हैं, वह कहते हैं, और जिसे हम ने देखा है उस की गवाही देते हैं, और तुम हमारी गवाही ग्रहण नहीं करते।

12. जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम प्रतीति नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूं, तो फिर क्योंकर प्रतीति करोगे?

13. और कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है।

14. और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए।

15. ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए॥

16. क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।

17. परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।

18. जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।

19. और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे।

20. क्योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए।

21. परन्तु जो सच्चाई पर चलता है वह ज्योति के निकट आता है, ताकि उसके काम प्रगट हों, कि वह परमेश्वर की ओर से किए गए हैं।

22. इस के बाद यीशु और उसके चेले यहूदिया देश में आए; और वह वहां उन के साथ रहकर बपतिस्मा देने लगा।

23. और यूहन्ना भी शालेम् के निकट ऐनोन में बपतिस्मा देता था। क्योंकि वहां बहुत जल था और लोग आकर बपतिस्मा लेते थे।

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