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यूहन्ना 18:30-38 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

30. उन्होंने उस को उत्तर दिया, कि यदि वह कुकर्मी न होता तो हम उसे तेरे हाथ न सौंपते।

31. पीलातुस ने उन से कहा, तुम ही इसे ले जाकर अपनी व्यवस्था के अनुसार उसका न्याय करो: यहूदियों ने उस से कहा, हमें अधिकार नहीं कि किसी का प्राण लें।

32. यह इसलिये हुआ, कि यीशु की वह बात पूरी हो जो उस ने यह पता देते हुए कही थी, कि उसका मरना कैसा होगा॥

33. तब पीलातुस फिर किले के भीतर गया और यीशु को बुलाकर, उस से पूछा, क्या तू यहूदियों का राजा है?

34. यीशु ने उत्तर दिया, क्या तू यह बात अपनी ओर से कहता है या औरों ने मेरे विषय में तुझ से कही?

35. पीलातुस ने उत्तर दिया, क्या मैं यहूदी हूं? तेरी ही जाति और महायाजकों ने तुझे मेरे हाथ सौंपा, तू ने क्या किया है?

36. यीशु ने उत्तर दिया, कि मेरा राज्य इस जगत का नहीं, यदि मेरा राज्य इस जगत का होता, तो मेरे सेवक लड़ते, कि मैं यहूदियों के हाथ सौंपा न जाता: परन्तु अब मेरा राज्य यहां का नहीं।

37. पीलातुस ने उस से कहा, तो क्या तू राजा है? यीशु ने उत्तर दिया, कि तू कहता है, क्योंकि मैं राजा हूं; मैं ने इसलिये जन्म लिया, और इसलिये जगत में आया हूं कि सत्य पर गवाही दूं जो कोई सत्य का है, वह मेरा शब्द सुनता है।

38. पीलातुस ने उस से कहा, सत्य क्या है? और यह कहकर वह फिर यहूदियों के पास निकल गया और उन से कहा, मैं तो उस में कुछ दोष नहीं पाता।

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