4. भोजन पर से उठकर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा लेकर अपनी कमर बान्धी।
5. तब बरतन में पानी भरकर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्धी थी उसी से पोंछने लगा।
6. जब वह शमौन पतरस के पास आया: तब उस ने उस से कहा, हे प्रभु,
7. क्या तू मेरे पांव धोता है? यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि जो मैं करता हूं, तू अब नहीं जानता, परन्तु इस के बाद समझेगा।
8. पतरस ने उस से कहा, तू मेरे पांव कभी न धोने पाएगा: यह सुनकर यीशु ने उस से कहा, यदि मैं तुझे न धोऊं, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी साझा नहीं।
9. शमौन पतरस ने उस से कहा, हे प्रभु, तो मेरे पांव ही नहीं, वरन हाथ और सिर भी धो दे।
10. यीशु ने उस से कहा, जो नहा चुका है, उसे पांव के सिवा और कुछ धोने का प्रयोजन नहीं; परन्तु वह बिलकुल शुद्ध है: और तुम शुद्ध हो; परन्तु सब के सब नहीं।
11. वह तो अपने पकड़वाने वाले को जानता था इसी लिये उस ने कहा, तुम सब के सब शुद्ध नहीं॥
12. जब वह उन के पांव धो चुका और अपने कपड़े पहिनकर फिर बैठ गया तो उन से कहने लगा, क्या तुम समझे कि मैं ने तुम्हारे साथ क्या किया?
13. तुम मुझे गुरू, और प्रभु, कहते हो, और भला कहते हो, क्योंकि मैं वही हूं।
14. यदि मैं ने प्रभु और गुरू होकर तुम्हारे पांव धोए; तो तुम्हें भी एक दुसरे के पांव धोना चाहिए।
15. क्योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो।