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यूहन्ना 13:25-36 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

25. तब उस ने उसी तरह यीशु की छाती की ओर झुक कर पूछा, हे प्रभु, वह कौन है? यीशु ने उत्तर दिया, जिसे मैं यह रोटी का टुकड़ा डुबोकर दूंगा, वही है।

26. और उस ने टुकड़ा डुबोकर शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती को दिया।

27. और टुकड़ा लेते ही शैतान उस में समा गया: तब यीशु ने उस से कहा, जो तू करता है, तुरन्त कर।

28. परन्तु बैठने वालों में से किसी ने न जाना कि उस ने यह बात उस से किस लिये कही।

29. यहूदा के पास थैली रहती थी, इसलिये किसी किसी ने समझा, कि यीशु उस से कहता है, कि जो कुछ हमें पर्व के लिये चाहिए वह मोल ले, या यह कि कंगालों को कुछ दे।

30. तब वह टुकड़ा लेकर तुरन्त बाहर चला गया, और रात्रि का समय था॥

31. जब वह बाहर चला गया तो यीशु ने कहा; अब मनुष्य पुत्र की महिमा हुई, और परमेश्वर की महिमा उस में हुई।

32. और परमेश्वर भी अपने में उस की महिमा करेगा, वरन तुरन्त करेगा।

33. हे बाल को, मैं और थोड़ी देर तुम्हारे पास हूं: फिर तुम मुझे ढूंढोगे, और जैसा मैं ने यहूदियों से कहा, कि जहां मैं जाता हूं, वहां तुम नहीं आ सकते वैसा ही मैं अब तुम से भी कहता हूं।

34. मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो।

35. यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो॥

36. शमौन पतरस ने उस से कहा, हे प्रभु, तू कहां जाता है यीशु ने उत्तर दिया, कि जहां मैं जाता हूं, वहां तू अब मेरे पीछे आ नहीं सकता! परन्तु इस के बाद मेरे पीछे आएगा।

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