35. यीशु के आंसू बहने लगे।
36. तब यहूदी कहने लगे, देखो, वह उस से कैसी प्रीति रखता था।
37. परन्तु उन में से कितनों ने कहा, क्या यह जिस ने अन्धे की आंखें खोली, यह भी न कर सका कि यह मनुष्य न मरता
38. यीशु मन में फिर बहुत ही उदास होकर कब्र पर आया, वह एक गुफा थी, और एक पत्थर उस पर धरा था।