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मरकुस 9:22-28 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

22. उस ने कहा, बचपन से: उस ने इसे नाश करने के लिये कभी आग और कभी पानी में गिराया; परन्तु यदि तू कुछ कर सके, तो हम पर तरस खाकर हमारा उपकार कर।

23. यीशु ने उस से कहा; यदि तू कर सकता है; यह क्या बता है विश्वास करने वाले के लिये सब कुछ हो सकता है।

24. बालक के पिता ने तुरन्त गिड़िगड़ाकर कहा; हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूं, मेरे अविश्वास का उपाय कर।

25. जब यीशु ने देखा, कि लोग दौड़कर भीड़ लगा रहे हैं, तो उस ने अशुद्ध आत्मा को यह कहकर डांटा, कि हे गूंगी और बहिरी आत्मा, मैं तुझे आज्ञा देता हूं, उस में से निकल आ, और उस में फिर कभी प्रवेश न कर।

26. तब वह चिल्लाकर, और उसे बहुत मरोड़ कर, निकल आई; और बालक मरा हुआ सा हो गया, यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे, कि वह मर गया।

27. परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया, और वह खड़ा हो गया।

28. जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्त में उस से पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके?

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