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मत्ती 11:19-30 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

19. मनुष्य का पुत्र खाता-पीता आया, और वे कहते हैं कि देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, महसूल लेने वालों और पापियों का मित्र; पर ज्ञान अपने कामों में सच्चा ठहराया गया है।

20. तब वह उन नगरों को उलाहना देने लगा, जिन में उस ने बहुतेरे सामर्थ के काम किए थे; क्योंकि उन्होंने अपना मन नहीं फिराया था।

21. हाय, खुराजीन; हाय, बैतसैदा; जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब के मन फिरा लेते।

22. परन्तु मैं तुम से कहता हूं; कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी।

23. और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा; जो सामर्थ के काम तुझ में किए गए है, यदि सदोम में किए जाते, तो वह आज तक बना रहता।

24. पर मैं तुम से कहता हूं, कि न्याय के दिन तेरी दशा से सदोम के देश की दशा अधिक सहने योग्य होगी।

25. उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है।

26. हां, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा।

27. मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे।

28. हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।

29. मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।

30. क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है॥

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