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प्रेरितों के काम 25:15-19 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

15. जब मैं यरूशलेम में था, तो महायाजक और यहूदियों के पुरनियों ने उस की नालिश की; और चाहा, कि उस पर दण्ड की आज्ञा दी जाए।

16. परन्तु मैं ने उन को उत्तर दिया, कि रोमियों की यह रीति नहीं, कि किसी मनुष्य को दण्ड के लिये सौंप दें, जब तक मुद्दाअलैह को अपने मुद्दइयों के आमने सामने खड़े होकर दोष के उत्तर देने का अवसर न मिले।

17. सो जब वे यहां इकट्ठे हुए, तो मैं ने कुछ देर न की, परन्तु दूसरे ही दिन न्याय आसन पर बैठकर, उस मनुष्य को लाने की आज्ञा दी।

18. जब उसके मुद्दई खड़े हुए, तो उन्होंने ऐसी बुरी बातों का दोष नहीं लगाया, जैसा मैं समझता था।

19. परन्तु अपने मत के, और यीशु नाम किसी मनुष्य के विषय में जो मर गया था, और पौलुस उस को जीवित बताता था, विवाद करते थे।

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