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प्रेरितों के काम 24:4-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

4. परन्तु इसलिये कि तुझे और दुख नहीं देना चाहता, मैं तुझ से बिनती करता हूं, कि कृपा करके हमारी दो एक बातें सुन ले।

5. क्योंकि हम ने इस मनुष्य को उपद्रवी और जगत के सारे यहूदियों में बलवा कराने वाला, और नासरियों के कुपन्थ का मुखिया पाया है।

6. उस ने मन्दिर को अशुद्ध करना चाहा, और हम ने उसे पकड़ लिया। [ हमने उसे अपनी व्यवस्था के अनुसार दण्ड दिया होता;

7. परन्तु पलटन के सरदार लूसियास ने उसे ज़बर्दस्ती हमारे हाथ से छीन लिया,

8. और मुद्दईयों को तेरे सामने आने की आज्ञा दी। ] इन सब बातों को जिन के विषय में हम उस पर दोष लगाते हैं, तू आप ही उस को जांच कर के जान लेगा।

9. यहूदियों ने भी उसका साथ देकर कहा, ये बातें इसी प्रकार की हैं।

10. तब हाकिम ने पौलुस को बोलने के लिये सैन किया तो उस ने उत्तर दिया, मैं यह जानकर कि तू बहुत वर्षों से इस जाति का न्याय करता है, आनन्द से अपना प्रत्युत्तर देता हूं।

11. तू आप जान सकता है, कि जब से मैं यरूशलेम में भजन करने को आया, मुझे बारह दिन से ऊपर नहीं हुए।

12. और उन्होंने मुझे न मन्दिर में न सभा के घरों में, न नगर में किसी से विवाद करते या भीड़ लगाते पाया।

13. और न तो वे उन बातों को, जिन का वे अब मुझ पर दोष लगाते हैं, तेरे साम्हने सच ठहरा सकते हैं।

14. परन्तु यह मैं तेरे साम्हने मान लेता हूं, कि जिस पन्थ को वे कुपन्थ कहते हैं, उसी की रीति पर मैं अपने बाप दादों के परमेश्वर की सेवा करता हूं: और जो बातें व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों में लिखी है, उन सब की प्रतीति करता हूं।

15. और परमेश्वर से आशा रखता हूं जो वे आप भी रखते हैं, कि धर्मी और अधर्मी दोनों का जी उठना होगा।

16. इस से मैं आप भी यतन करता हूं, कि परमेश्वर की, और मनुष्यों की ओर मेरा विवेक सदा निर्दोष रहे।

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