30. और जब मुझे बताया गया, कि वे इस मनुष्य की घात में लगे हैं तो मैं ने तुरन्त उस को तेरे पास भेज दिया; और मुद्दइयों को भी आज्ञा दी, कि तेरे साम्हने उस पर नालिश करें॥
31. सो जैसे सिपाहियों को आज्ञा दी गई थी वैसे ही पौलुस को लेकर रातों-रात अन्तिपत्रिस में लाए।
32. दूसरे दिन वे सवारों को उसके साथ जाने के लिये छोड़कर आप गढ़ को लौटे।
33. उन्होंने कैसरिया में पहुंचकर हाकिम को चिट्ठी दी: और पौलुस को भी उसके साम्हने खड़ा किया।
34. उस ने पढ़कर पूछा यह किस देश का है?
35. और जब जान लिया कि किलकिया का है; तो उस से कहा; जब तेरे मुद्दई भी आएगें, तो मैं तेरा मुकद्दमा करूंगा: और उस ने उसे हेरोदेस के किले में, पहरे में रखने की आज्ञा दी॥