परन्तु जब कितनों ने कठोर होकर उस की नहीं मानी वरन लोगों के साम्हने इस मार्ग को बुरा कहने लगे, तो उस ने उन को छोड़ कर चेलों को अलग कर लिया, और प्रति दिन तुरन्नुस की पाठशाला में विवाद किया करता था।