11. और हर एक अपने देश वाले को और अपने भाई को यह शिक्षा न देगा, कि तू प्रभु को पहिचान क्योंकि छोटे से बड़े तक सब मुझे जान लेंगे।
12. क्योंकि मैं उन के अधर्म के विषय मे दयावन्त हूंगा, और उन के पापों को फिर स्मरण न करूंगा।
13. नई वाचा के स्थापन से उस ने प्रथम वाचा को पुरानी ठहराई, और जो वस्तु पुरानी और जीर्ण जो जाती है उसका मिट जाना अनिवार्य है॥