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इब्रानियों 7:11-17 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

11. तक यदि लेवीय याजक पद के द्वारा सिद्धि हो सकती है (जिस के सहारे से लोगों को व्यवस्था मिली थी) तो फिर क्या आवश्यकता थी, कि दूसरा याजक मलिकिसिदक की रीति पर खड़ा हो, और हारून की रीति का न कहलाए?

12. क्योंकि जब याजक का पद बदला जाता है तो व्यवस्था का भी बदलना अवश्य है।

13. क्योंकि जिस के विषय में ये बातें कही जाती हैं कि वह दूसरे गोत्र का है, जिस में से किसी ने वेदी की सेवा नहीं की।

14. तो प्रगट है, कि हमारा प्रभु यहूदा के गोत्र में से उदय हुआ है और इस गोत्र के विषय में मूसा ने याजक पद की कुछ चर्चा नहीं की।

15. ओर जब मलिकिसिदक के समान एक और ऐसा याजक उत्पन्न होने वाला था।

16. जो शारीरिक आज्ञा की व्यवस्था के अनुसार नहीं, परअविनाशी जीवन की सामर्थ के अनुसार नियुक्त हो तो हमारा दावा और भी स्पष्टता से प्रगट हो गया।

17. क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, कि तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।

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