11. क्योंकि जो कोई ऐसे जन को नमस्कार करता है, वह उस के बुरे कामों में साझी होता है॥
12. मुझे बहुत सी बातें तुम्हें लिखनी हैं, पर कागज और सियाही से लिखना नहीं चाहता; पर आशा है, कि मैं तुम्हारे पास आऊंगा, और सम्मुख होकर बातचीत करूंगा: जिस से तुम्हारा आनन्द पूरा हो।
13. तेरी चुनी हुई बहिन के लड़के-बाले तुझे नमस्कार करते हैं।