मैं यह बिनती करता हूं, कि तुम्हारे साम्हने मुझे निर्भय होकर साहस करना न पड़े; जैसा मैं कितनों पर जो हम को शरीर के अनुसार चलने वाले समझते हैं, वीरता दिखाने का विचार करता हूं।