14. और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ।
15. सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्टा करो।
16. सदा आनन्दित रहो।
17. निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो।
18. हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।
19. आत्मा को न बुझाओ।
20. भविष्यद्वाणियों को तुच्छ न जानो।
21. सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो।