5. जो सचमुच विधवा है, और उसका कोई नहीं; वह परमेश्वर पर आशा रखती है, और रात दिन बिनती और प्रार्थना में लौलीन रहती है।
6. पर जो भोगविलास में पड़ गई, वह जीते जी मर गई है।
7. इन बातों की भी आज्ञा दिया कर, ताकि वे निर्दोष रहें।
8. पर यदि कोई अपनों की और निज करके अपने घराने की चिन्ता न करे, तो वह विश्वास से मुकर गया है, और अविश्वासी से भी बुरा बन गया है।
9. उसी विधवा का नाम लिखा जाए, जो साठ वर्ष से कम की न हो, और एक ही पति की पत्नी रही हो।
10. और भले काम में सुनाम रही हो, जिस ने बच्चों का पालन-पोषण किया हो; पाहुनों की सेवा की हो, पवित्र लोगों के पांव धोए हो, दुखियों की सहायता की हो, और हर एक भले काम में मन लगाया हो।