3. जो मुझे जांचते हैं, उन के लिये यही मेरा उत्तर है।
4. क्या हमें खाने-पीने का अधिकार नहीं?
5. क्या हमें यह अधिकार नहीं, कि किसी मसीही बहिन को ब्याह कर के लिए फिरें, जैसा और प्रेरित और प्रभु के भाई और कैफा करते हैं?
6. या केवल मुझे और बरनबास को अधिकार नहीं कि कमाई करना छोड़ें।
7. कौन कभी अपनी गिरह से खाकर सिपाही का काम करता है? कौन दाख की बारी लगाकर उसका फल नहीं खाता? कौन भेड़ों की रखवाली करके उन का दूध नहीं पीता?
8. क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूं?