20. सब भाइयों का तुम को नमस्कार: पवित्र चुम्बन से आपस में नमस्कार करो॥
21. मुझ पौलुस का अपने हाथ का लिखा हुआ नमस्कार: यदि कोई प्रभु से प्रेम न रखे तो वह स्त्रापित हो।
22. हमारा प्रभु आनेवाला है।
23. प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे।
24. मेरा प्रेम मसीह यीशु में तुम सब से रहे। आमीन॥