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1 कुरिन्थियों 12:13-23 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया।

14. इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।

15. यदि पांव कहे कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?

16. और यदि कान कहे; कि मैं आंख नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?

17. यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?

18. परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक कर के देह में रखा है।

19. यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?

20. परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।

21. आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।

22. परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।

23. और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।

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