और चपरास अपनी कडिय़ों के द्वारा एपोद की कडिय़ों में नीले फीते से बांधी जाए, इस रीति वह एपोद के काढ़े हुए पटुके पर बनी रहे, और चपरास एपोद पर से अलग न होने पाए।