क्या इस कारण भूमि न कांपेगी? और क्या उन पर के सब रहने वाले विलाप न करेंगे? यह देश सब का सब मिस्र की नील नदी के समान होगा, जो बढ़ती है, फिर लहरें मारती, और घट जाती है॥