10. और वह स्वर्ग को झुका कर नीचे उतर आया; और उसके पांवों के तले घोर अंधकार छाया था।
11. और वह करूब पर सवार हो कर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर दिखाई दिया।
12. और उसने अपने चारों ओर के अंधियारे को, मेघों के समूह, और आकाश की काली घटाओं को अपना मण्डप बनाया।