9. इस से पहिले उस नगर में शमौन नाम एक मनुष्य था, जो टोना करके सामरिया के लोगों को चकित करता और अपने आप को कोई बड़ा पुरूष बनाता यां
10. और सब छोटे से बड़े तक उसे मान कर कहते थे, कि यह मनुष्य परमेश्वर की वह शक्ति है, जो महान कहलाती है।
11. उस ने बहुत दिनों से उन्हें अपने टोने के कामों से चकित कर रखा था, इसी लिये वे उस को बहुत मानते थे।
12. परन्तु जब उन्होंने फिलेप्पुस की प्रतीति की जो परमेश्वर के राज्य और यीशु के नाम का सुसमाचार सुनाता था तो लोग, क्या पुरूष, क्या स्त्री बपतिस्मा लेने लगे।